न कोई तीर तरकश में है, न कोई जीत हरकत में है। यह देख ले पहचान ले गठबंधन, लुटी आबरु फिर सरकश में ह... न कोई तीर तरकश में है, न कोई जीत हरकत में है। यह देख ले पहचान ले गठबंधन, लुटी...
दिल में है कुछ उथल पुथल, समझ ना पा रहा है मेरा मन! दिल में है कुछ उथल पुथल, समझ ना पा रहा है मेरा मन!
याद रखने को बने ये दिवस उन्हें जीना है हर दिवस। याद रखने को बने ये दिवस उन्हें जीना है हर दिवस।
कौन था मानसिक विछिप्त कौन था मानसिक विछिप्त
इजाद करो यारों वरना भयंकर त्रासदी को झेलना होगा। इजाद करो यारों वरना भयंकर त्रासदी को झेलना होगा।
गर थोड़ा खुद सुधर जाये फिर तो खुद पे ही तारीफ के फूल बरसाए। गर थोड़ा खुद सुधर जाये फिर तो खुद पे ही तारीफ के फूल बरसाए।